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छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कहा-संगठित भ्रष्टाचार आर्थिक अपराध को जन्म देता है, राहत देने का मतलब लोगों का भरोसा तोड़ना है

छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ के शराब घोटाले के मुख्य आरोपी और सिंडिकेट के सरगना अनवर ढेबर की याचिका को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी के साथ खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा है कि संगठित भ्रष्टाचार आर्थिक अपराध को जन्म देता है। इसमें संलिप्त लोगों को यूं ही नहीं छोड़ा जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो लोगों का न्याय से भरोसा उठ जाएगा। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया है।

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Bilaspur High Court

By Radhakishan Sharma

बिलासपुर। शराब घोटाले के मुख्य आरोपी अनवर ढेबर ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर जमानत की मांग की थी। मामले की सुनवाई जस्टिस अरविंद वर्मा के सिंगल बेंच में हुई। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने जमानत आवेदन को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया है। साथ ही कठोर टिप्पणी भी की है। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि संगठित भ्रष्टाचार आर्थिक अपराध को जन्म देता है। सरकारी खजाने पर डाका डालने को यूं ही छूट नहीं दी जा सकती।

सिंगल बेंच ने अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया है। कोर्ट ने लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट का साफ मानना है कि भ्रष्टाचार केवल एक मामला नहीं, एक दंडनीय अपराध है। यह सीधेतौर पर मानवाधिकारों को भी कमजोर करता है। व्यवस्थित भ्रष्ट्राचार आर्थिक अपराधों को जन्म देता है। आर्थिक अपराध गंभीर अपराध है। जिसका पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए याचिकाकर्ता को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता।

E0W व ACB ने कारोबारी अनवर ढ़ेबर के खिलाफ 11 जुलाई 2023 को अनिल टुटेजा, अरूणपति त्रिपाठी एमडी सीएसएमसीएल, विकास अग्रवाल, संजय दीवान एवं अन्य आबकारी अधिकारियों के साथ सेंडिकेट बनाकर प्रदेश में शराब बिक्री से अवैध कमिशन वसूली के मामले में धारा 420, 468, 471 एवं 120 बी के तहत अपराध पंजीबद्ब कर अप्रैल 2024 को गिरफ्तार किया है। इस मामले में ईडी ने नवंबर 2024 को अलग से अपराध दर्ज किया है। इसके अलावा आयकर विभाग ने भी ढेबर के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी। जेल में बंद अनवर ढ़ेबर ने हाई कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी।

0 शराब घोटाले में यह है आरोप

छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले में सिंडिकेट के साथ ही डिस्टिलर्स, होलोग्राम निर्माताओं, बोतल निर्माताओं की सक्रिय भागीदारी, ट्रांसपोर्टर, जनशक्ति प्रबंधन और जिला उत्पाद शुल्क अधिकारी शामिल हैं। डिस्टिलर्स को काम करने की अनुमति देने के लिए वार्षिक कमीशन का भुगतान किया गया। सिंडिकेट द्बारा साजिश को अंजाम दिया गया छत्तीसगढ़ राज्य में शराब की बिक्री और लाइसेंसिग।

0 सिंडिकेट ने ऐसे दिया घोटाले को अंजाम

राज्य में शराब की बिक्री से तीन अलग-अलग तरीकों से पैसा मिलता है। शराब से लिया गया अवैध कमीशन छत्तीसगढ़ में शराब की बिक्री के हिसाब से आपूर्तिकर्ता। बेहिसाब देशी शराब की बिक्री राज्य द्बारा संचालित दुकानों से लिया गया।

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